पूरा देश आगामी 3 दिसंबर को अपने पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद की 136वीं जयंती मनाएगा. इस अवसर पर राजेंद्र बाबू की याद में एक डिजिटल लाइब्रेरी की शुरुआत की जाएगी. इस डिजिटल लाइब्रेरी के माध्यम से उनकी जीवनी को प्रदर्शित किया जाएगा. इस कार्यक्रम का आयोजन राजेंद्र बाबू की तीसरी पीढ़ी से आने वाले मनीष सिन्हा कर रहे हैं. मनीष बिहार पॉजिटिव नामक एक गैर सरकारी संस्था के सचिव भी है.
मनीष सिन्हा ने बताया कि यह पहली बार है जब किसी राजनेता के लिए डिजिटल लाइब्रेरी बनाया जा रहा है. इस लाइब्रेरी बनाने के पीछे का उद्देश्य वर्तमान और आने वाली पीढ़ी को राजेंद्र बाबू के जीवन, विचार, संघर्ष, देश के स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान के बारे में बताना है. इस लाइब्रेरी से आम लोगों खासकर युवाओं को प्रेरणा मिलेगी.
आगे उन्होंने कहा कि राजेंद्र बाबू ने अपना पूरा जीवन सादगी से बिताया. ग्रामीण पृष्ठभूमि से निकलकर उन्होंने एक छात्र के रूप में खूब सफलता पाई. उनके समय में जितने बड़े स्वतंत्रता सेनानी हुए सभी ने विदेश में पढाई की थी लेकिन राजेंद्र बाबू ने भारत में शिक्षा ग्रहण की और अपने जीवन में भारतीय संस्कृति को आत्मसात किया. शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है.
मनीष सिन्हा पिछले कई वर्षों से डॉ राजेंद्र प्रसाद की जयंती पर ऐसे कार्यक्रम का आयोजन पटना और राजधानी दिल्ली में करते आ रहे हैं. इस वर्ष के कार्यक्रम में डिजिटल लाइब्रेरी के शुभारंभ के अलावा बिहार में सकारात्मक कार्य करने वाले 10 जनों को सम्मानित भी किया जाएगा. ये सम्मान शिक्षा, उद्यमिता, साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले लोगों को दिए जाएंगे. साथ ही सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्ग से आने वाले ऐसे व्यक्ति जिन्होंने समाज की बेड़ियों को तोड़ते हुए जीवन में अपना एक नया मुकाम हासिल किया है, उन्हें भी सम्मानित किया जाएगा.