उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय का नाम देश के प्रथम राष्ट्रपति डा. राजेंद्र प्रसाद के नाम पर होगा। प्रयागराज से डा. राजेंद्र प्रसाद का गहरा संबंध था। यहां वह कुंभ मेले के दौरान जरूर आते थे। आज भी संगमतट पर स्थित किले के अंदर जाकर देखा जाए तो वहां डा. राजेंद्र प्रसाद की स्मृतियां जुड़ी हैं। इसी वजह से यह विधि विश्वविद्यालय उनकी स्मृतियों के लिए समर्पित किया जाना चाहिए।
प्रयागराज के दौरे पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने झलवा में उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय प्रयागराज की आधारशिला रखी।
डा. राजेंद्र प्रसाद का प्रयागराज से जुड़ाव रहा है
डा. राजेंद्र प्रसाद का जन्म तो बिहार के सीवान जिले में हुआ था, लेकिन जुड़ाव प्रयागराज से भी रहा। आजादी से पहले यहां आनंद भवन में होने वाली कांग्रेस की बैठकों में उनका आना-जाना रहा। वे प्रयागराज में स्थित हिंदी साहित्य सम्मेलन के सभापति रहे। इसमें सियासी पक्ष यह है कि वह कायस्थों की एशिया की सबसे बड़ी संस्था केपी ट्रस्ट के सदस्य भी रहे, जिसका मुख्यालय प्रयागराज में है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने उन्हें ‘डाक्टर आफ ला’ की उपाधि से सम्मानित किया। उन्होंने राष्ट्रपति के रूप में प्रयागराज में कल्पवास भी किया है। इसके बावजूद उनके नाम पर प्रयागराज में न कोई स्मारक है, न चर्चित स्थल। उन्हें राजनीतिक रूप में ज्यादा तवज्जो नहीं मिली।